नार्वे में सूर्य आधी रात तक क्यों चमकता हैं।
दर अचल सूर्य अर्धरात्रि में भी उन धुर्वीय परदेशो में दिखाई देता हैं जहा रात्रि यह क्षितिज के ऊपर हो रहता हैं छिपता नहीं हैं। पृथ्वी का अक्ष अपनी भर्मण करने की कक्षा के तल से २३.५ अंश झुका होता हैं इसलिए प्रत्येक गोलार्ध गर्मी में सूर्य की ओर झुका रहता हैं। जबकि सर्दियों में यह झुकाव विपरीत दिशा में यानि सूर्ये से परे हो जाता हैं इस कारण उत्तरी और दक्षिणी धुर्वीय प्रदेशो में साल मे कुछ समय के लिए सूर्य पूरी तरह नहीं छिपता हैं , बल्कि अर्धरात्रि में भी दिखता रहता हैं।
जब दक्षणी ध्रुव प्रदेश में सर्दी का मौसम होता हैं थो वहा दिन और रात का पता नहीं चलता। वहा केवल अँधेरा ही अँधेरा रहता हैं। दिनों (अप्रेल से जुलाई ) में उत्तर ध्रुवीय प्रदेशो में गर्मी होती हैं और वहा सूर्य २४ घंटे दिखाई देता हैं। शाम को यह छिपाना शुरू होता हैं। लेकिन क्षितिज के पास पहुंचकर फिर उगना शुरू कर देता हैं।
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